कानपुर न्यूज डेस्क: दक्षिण कानपुर का गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन जल्द ही एक प्रमुख टर्मिनल के रूप में कार्य करना शुरू कर देगा, जिससे यात्री सुविधाओं में बड़ा बदलाव आएगा। इस स्टेशन पर 100 से अधिक ट्रेनों को शिफ्ट करने की योजना है, जिसमें वंदे भारत, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हो सकती हैं। अमृत भारत योजना के तहत 18.36 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। वर्ष 2018 में यह उत्तर मध्य रेलवे का पहला ऐसा स्टेशन बना, जहां महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया था। वर्तमान में यहां वाशिंग एप्रन, आधुनिक प्लेटफार्म और ट्रेनों में पानी भरने की सुविधाएं तैयार हो चुकी हैं।
गोविंदपुरी स्टेशन कानपुर का तीसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है, जो हर साल साढ़े छह लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करता है। यह स्टेशन दिल्ली-हावड़ा, कानपुर-झांसी-मुंबई और लखनऊ रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है, जिससे 300 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। झांसी लाइन से भीमसेन के रास्ते बुंदेलखंड का जुड़ाव भी इसी स्टेशन से होता है। पहले इस स्टेशन का नाम जूही था, लेकिन जैसे-जैसे दक्षिण कानपुर के इलाके विकसित हुए, इसका महत्व बढ़ता गया और इसे गोविंदपुरी नाम दिया गया।
अब इस स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित करने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं। प्लेटफार्म संख्या एक को 24 कोच की ट्रेनों के अनुकूल बना दिया गया है, और रेलवे लाइनों को सीमेंटेड कर पानी की आपूर्ति की जा रही है। गोविंदपुरी से झांसी और दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइनें निर्धारित कर दी गई हैं, जिससे ट्रेनों की आवाजाही सुगम हो गई है। पहले दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को सिग्नल न मिलने पर रोका जाता था, लेकिन अब यह बाधा समाप्त हो चुकी है, जिससे यात्रियों को तेज और सुचारू सफर का अनुभव मिलेगा।